Saturday 6 June 2020

प्रेम की परिभाषा लिखते आए है..हर बार इस मे कुछ कशिश और भरते आए है..दिलों को भिगो दे,

दिलों को डुबो दे,दिलों को चीर कर रख दे ऐसे लफ्ज़ लिखते आए है...दिल जो बंध जाए उल्फत की

डोर से..दिल जो जुदा ना हो लक़ीरों के फेर मे..सोचा,आज सुंदरता की परिभाषा भी लिख दे..मुहब्बत

का सुंदरता से कितना नाता है,क्या रूप-रंग ही सुंदरता का वादा है...पिया को मोह ले जो खूबसूरत

अंदाज़ से..उस को राह दिखाए अँधेरी रात मे...जीने का मतलब समझा दे अपनी हर प्यारी बात से..

ठोकर खाने से पहले उसे अपनी बाहो मे थाम ले...मन की सुंदरता से उस को पूरी तरह जीत ले..

यक़ीनन...सुंदरता की सही परिभाषा यही होती है...मुहब्बत को सुंदरता बस यही तो भाती है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...