तेरी हां सुनने के लिए बहुत दूर से आए है....दुनिया तेरी मासूम सूरत पे फ़िदा है,पर हम तो तेरी मासूम
रूह से गुफ्तगू करने आए है....रेत का घर बनाया था कभी,तुझ से मिलने से पहले इसी घर को हज़ारो बार
गिराया था कभी....क्या पता था किसी खूबसूरत मोड़ पे तुम से मुलाकात हो जाए गी....भरभरा कर फिर
से इस घर को गिराया है मैंने,तेरे पाँव सोने की चौखट पे पड़े...इसलिए आज तुझ को बुलाया है मैंने....
तेरी हां मे शामिल है जीने की वजह,हकीकत में .... इस घर मे तुझे लेने बहुत दूर से आए है......
रूह से गुफ्तगू करने आए है....रेत का घर बनाया था कभी,तुझ से मिलने से पहले इसी घर को हज़ारो बार
गिराया था कभी....क्या पता था किसी खूबसूरत मोड़ पे तुम से मुलाकात हो जाए गी....भरभरा कर फिर
से इस घर को गिराया है मैंने,तेरे पाँव सोने की चौखट पे पड़े...इसलिए आज तुझ को बुलाया है मैंने....
तेरी हां मे शामिल है जीने की वजह,हकीकत में .... इस घर मे तुझे लेने बहुत दूर से आए है......