आ लौट के कही से.....तेरे गले लग के ज़ार ज़ार रो ले आज....हर ख़ुशी अधूरी है तेरे बिना आज....तेरी
हर धरोधर को संभाल कर रखा है आज भी....हाथ मे बेशक कुछ भी नहीं,पर भरा है दामन दुआओ से
आज भी....तेरा हर सपना पूरा कर सके,इस कोशिश मे उम्र का एक बड़ा दौर निकल गया....तेरे बिना
जो कर सके,जो जो वादे निभा सके..रूह के छालो पे उस के निशान है आज भी .....बची है अभी कुछ साँसे
एक अहम् वादा बचा हुआ है आज भी......
हर धरोधर को संभाल कर रखा है आज भी....हाथ मे बेशक कुछ भी नहीं,पर भरा है दामन दुआओ से
आज भी....तेरा हर सपना पूरा कर सके,इस कोशिश मे उम्र का एक बड़ा दौर निकल गया....तेरे बिना
जो कर सके,जो जो वादे निभा सके..रूह के छालो पे उस के निशान है आज भी .....बची है अभी कुछ साँसे
एक अहम् वादा बचा हुआ है आज भी......