Sunday 31 March 2019

भोर का उजाला अभी फैला भी ना था कि खुदा की सौगात बन घर कोई महकाने आया था...ना कोई

रिश्ता था ना कोई नाता था,पर फिर भी जोड़ने सब को आया था..लफ्ज़ एक ना कहा कभी,माँगा कभी

कुछ भी नहीं..बिन मांगे प्यार दुलार लेता रहा,बदले मे सकूँ दिल का सब को देता रहा..मासूम आँखों ने

सब को लुभाया,जान बन के वो सब के दिल मे...बसा इतना कि राज़ उस के आने का आज तक समझ

किसी के आया ही नहीं...

Saturday 30 March 2019

पूरी तरह अभी सैलाब से निकले भी नहीं कि एक नया तूफ़ान फिर आने को है..अपने चाँद को

निहारने फिर कोई सितारों के झुरमुट से,मुझे रुलाने वाला है...छीन तो नहीं सकते तुझ से,निहारने

का यह हक़..पर खुद को बरसने से रोके,यह भी कर नहीं सकते...यह वक़्त भी क्या शै है,जो गुजर

कर भी फिर सामने खड़े हो जाता है...मजबूत कितना भी बने,यादो को झंझोड़ कर सामने फिर ले

आता है...

Monday 25 March 2019

लौट आना गर इतना ही आसां होता,तो यक़ीनन तेरी दुनिया मे कब के चले आते...ना सहते कभी

दर्द इतना ना सांसो के भारीपन को सँभालते रहते..लबो को बिलकुल सी लेना,जुबां से जरुरत भर

लफ्ज़ कहना..इस को अपनी आदत मे शुमार ना करते...हज़ारो बाते सिर्फ अपने परवरदिगार से

क्यों करते,गर यह दुनिया और दुनिया के बाशिंदे हम को अंदर से समझ जाते..लौटे गे तुझ तल्क़

काम अधूरे सारे पूरे कर के...

Saturday 23 March 2019

थम रहा है तूफान धीमे धीमे..समंदर सतह पे आने लगा है धीमे धीमे...बिखरा हुआ यादो का वो

बवण्डर खुद ही को पनाह देने लगा है बहुत धीमे धीमे...सफर अभी तो बाक़ी है..करने के लिए

काम भी काफी है....सवाल पूछते है ज़िंदगी से,मकसद पूरा करने मे अब तो मदद कर...कुछ ना कर

मगर वक़्त को थोड़ा सा मेहरबान ही कर...सितारों के झुरमुट से कोई मुझ को निहारा करता है..मेरी

वापसी के लिए परेशां रहा करता है...

Thursday 21 March 2019

धरा से धरा मे जाना..नीर दे कर खुद भी नीर मे चले जाना...सवाल हज़ारो मगर जवाब सब के छोड़

जाना..रास्ते सब नए,अकेले उन्ही पे मंज़िल को खुद ही ढूंढ़ना...चोट इतनी गहरी लेकिन दर्द पे उफ़

भी ना करना..आंखे की नमी पी जाना,हमेशा के लिए मुस्कराहट को चेहरे पे सजा लेना...दुनिया दगा

ना दे खुद को हिम्मत की तिजोरी मे बंद कर लेना..खौफ को हवा मे उड़ा देना,पर तेरे घर मे तेरा

वज़ूद कायम रखना...

Wednesday 20 March 2019

उस पल..उस लम्हे को बहुत ख़ामोशी से विदा कर दिया मैंने...हज़ारो यादो को दिल मे समाए,हंस

कर जाने दिया तुम को..मुस्कुराहट बहुत गहरी है,तेरी पसंद को हमेशा याद रखा है मैंने..लौट कर

 आओ गे,जानती हू,इसलिए तेरे लिए अपनी हंसी मे दर्द सारा छुपा लिया मैंने...किसी की परवाह

किया बगैर बिंदास जीना है मुझ को..क्या सिखा रहा वक़्त मुझ को,सब सोच कर तुझे रब के हवाले

कर दिया मैंने...
यह ज़िंदगी की शाम है या जलता हुआ कोई दीया...उजाला सब को दिया खुद अँधेरा चुन लिया...जल

जल कर कही ना बुझे,तेरे नाम को साथ साथ थाम लिया...नज़र भरे या नज़र हँसे,दिल तो बस तेरे

पास रहे...कहानियां ज़माना बनाता रहे या जिलत्ते देता रहे..दुल्हन कभी रोती नहीं जब उस के साथ

उस का साजन रहे...सात समंदर पार सही,तेरा साथ मेरे साथ रहे..



हर बोझ सीने से उतार कर,खुद को जीने के लिए तैयार किया करते है...कितनी दूर चलना है अभी,

बिंदास हो कर जिया करते है...कांटे कितने चुभे,दर्द बेहिसाब मिले..टूटने की जगह रास्ते बनाते ही

रहे...तकलीफो मे रहे,कभी अंधेरो मे घिरे...पर खुद को तराशते ही रहे...मंज़िल को पाना है,अगर आज

नहीं तो कल ही सही...तुझे देते है वादा,जो कहा था कभी उस को पूरा करने की ज़िद आज भी खुद से

किया करते है....
सब से अलग है,तभी तो तेरे लिए ही बने है...खुद मे मस्त है,तभी तो साथ तेरे ही जुड़े है...तेरे सिवा

मुझे समझने के लिए अब कोई नहीं...मन की हर बात कहने के लिए अब कोई और नहीं...टुकड़ो मे

नहीं,सिर्फ तेरी आगोश मिले...''सदियों मे पैदा होने वाली तेरी दुल्हन'' इस के आगे अब कुछ भी

नहीं...हू सब से जुदा,हू सब से अलग...तभी तो हू तेरी ही दुल्हन...
यू तो बात बात पे हम आंसू बहाया नहीं करते...ज़िंदगी से प्यार करते है इतना कि इसी ज़िंदगी को

यू ही जाया भी नहीं करते...पर जिक्र हो जब तेरे दिन का,तो इन आंसुओ को आने से रोका नहीं करते ..

इन्ही मोतियों के जरिये अक्सर यादो को विदा करते है...फिर मिले गे किसी मोड़ पर,बस यही सोच

कर मुस्कुरा दिया करते है...

Wednesday 13 March 2019

परिभाषा प्यार की कितनी तुम समझे...कुर्बान होना है कितना,क्या पता कितना समझे...कदम

कदम पे साथ चलना या कदमो को पीछे लौटा लेना...ग़ुरबत की कहानी मे शान से जीना...चमक

चेहरे की कभी ना फीकी होने देना..ऐशो-आराम नहीं मगर ऐश से जी लेना..दिल उदास है मगर

हंसी लबो की कभी कम ना करना...परिभाषा प्यार की यही है..फ़ना होना और बस फ़ना होना..

Tuesday 12 March 2019

हम मशहूर क्या हुए,आप ने तो जैसे हम से नाता ही तोड़ लिया..बुलंदिया शोहरत की अभी हम तक

पहुंची भी नहीं कि आप ने मुँह ही मोड़ लिया..जान मेरी,दौलत तो आनी जानी है,इस शोहरत का क्या

दुनिया की मर्ज़ी की सब कहानी है..कब पटक दे जमीन पे,कब उठा ले आसमान पे..सब कुछ बेमानी

है..सच तो यही है,नाम आज भी लेते है उस खुदा के पहले आप का...

Friday 8 March 2019

ज़िद ना करे,शिकवा ना करे..तेरी बेरुखी पे तुझ से हंस कर बात भी करे..खड़े है तेरे ही कटघरे मे ,

क्या करे क्या ना करे..मुनासिब नहीं तेरे बिना जीना,चुपचाप रहे कि तुझ से अब उलझ पड़े..इन

जुल्फों को सँवारे कि घटा बन कर बरसने दे..ख़ामोशी की भी इक हद है,अब बोल ज़रा खुद को खुद

से जुदा कर ले या तुझ से लिपट कर तुझी को घायल कर दे...

Sunday 3 March 2019

एक नदिया है जो बहती रहती है...दरिया है जो बेखौफ चलता रहता है...शोर इतना किया कि खामोश

रहना ही भूल गए...मनाही तो नहीं बहने चलने की,इनायत तो करो खामोश होने की...समंदर का शोर

देखा है...नाराज़गी मे ना जाने कितना चीत्कार करता है,इतना कि रूह काँप जाती है..फैला है मीलो मे

मगर जब अपने पे आ जाये तो बेहद खामोश भी हो जाता है..दर्द का तूफान लिए ख़ामोशी से ठहर सा

जाता है...
सकून अब इस दिल को मिले,इसी खाव्हिश के तहत तेरे सज़दे मे झुकते चले गए...कौन है आस-पास

कौन है दिल-दरीचे से परे,सब भूल कर तुझे हर पल  याद करते चले गए...क्या करे यह दुनिया रास

नहीं आई हम को,समझने के लिए एक भी नहीं बचा अब तो...नहीं जानते पूजा के खास तरीको को,

ना ही जानते है इस दुनियां मे जीने के रिवाज़ो को...बस नैनो मे नीर भरे,मन मे इक विश्वास रखे

तेरे सज़दे मे झुके तो बस झुकते चले गए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...