सब से अलग है,तभी तो तेरे लिए ही बने है...खुद मे मस्त है,तभी तो साथ तेरे ही जुड़े है...तेरे सिवा
मुझे समझने के लिए अब कोई नहीं...मन की हर बात कहने के लिए अब कोई और नहीं...टुकड़ो मे
नहीं,सिर्फ तेरी आगोश मिले...''सदियों मे पैदा होने वाली तेरी दुल्हन'' इस के आगे अब कुछ भी
नहीं...हू सब से जुदा,हू सब से अलग...तभी तो हू तेरी ही दुल्हन...
मुझे समझने के लिए अब कोई नहीं...मन की हर बात कहने के लिए अब कोई और नहीं...टुकड़ो मे
नहीं,सिर्फ तेरी आगोश मिले...''सदियों मे पैदा होने वाली तेरी दुल्हन'' इस के आगे अब कुछ भी
नहीं...हू सब से जुदा,हू सब से अलग...तभी तो हू तेरी ही दुल्हन...