Wednesday 20 March 2019

हर बोझ सीने से उतार कर,खुद को जीने के लिए तैयार किया करते है...कितनी दूर चलना है अभी,

बिंदास हो कर जिया करते है...कांटे कितने चुभे,दर्द बेहिसाब मिले..टूटने की जगह रास्ते बनाते ही

रहे...तकलीफो मे रहे,कभी अंधेरो मे घिरे...पर खुद को तराशते ही रहे...मंज़िल को पाना है,अगर आज

नहीं तो कल ही सही...तुझे देते है वादा,जो कहा था कभी उस को पूरा करने की ज़िद आज भी खुद से

किया करते है....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...