धरा से धरा मे जाना..नीर दे कर खुद भी नीर मे चले जाना...सवाल हज़ारो मगर जवाब सब के छोड़
जाना..रास्ते सब नए,अकेले उन्ही पे मंज़िल को खुद ही ढूंढ़ना...चोट इतनी गहरी लेकिन दर्द पे उफ़
भी ना करना..आंखे की नमी पी जाना,हमेशा के लिए मुस्कराहट को चेहरे पे सजा लेना...दुनिया दगा
ना दे खुद को हिम्मत की तिजोरी मे बंद कर लेना..खौफ को हवा मे उड़ा देना,पर तेरे घर मे तेरा
वज़ूद कायम रखना...
जाना..रास्ते सब नए,अकेले उन्ही पे मंज़िल को खुद ही ढूंढ़ना...चोट इतनी गहरी लेकिन दर्द पे उफ़
भी ना करना..आंखे की नमी पी जाना,हमेशा के लिए मुस्कराहट को चेहरे पे सजा लेना...दुनिया दगा
ना दे खुद को हिम्मत की तिजोरी मे बंद कर लेना..खौफ को हवा मे उड़ा देना,पर तेरे घर मे तेरा
वज़ूद कायम रखना...