Thursday 21 March 2019

धरा से धरा मे जाना..नीर दे कर खुद भी नीर मे चले जाना...सवाल हज़ारो मगर जवाब सब के छोड़

जाना..रास्ते सब नए,अकेले उन्ही पे मंज़िल को खुद ही ढूंढ़ना...चोट इतनी गहरी लेकिन दर्द पे उफ़

भी ना करना..आंखे की नमी पी जाना,हमेशा के लिए मुस्कराहट को चेहरे पे सजा लेना...दुनिया दगा

ना दे खुद को हिम्मत की तिजोरी मे बंद कर लेना..खौफ को हवा मे उड़ा देना,पर तेरे घर मे तेरा

वज़ूद कायम रखना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...