Saturday 23 March 2019

थम रहा है तूफान धीमे धीमे..समंदर सतह पे आने लगा है धीमे धीमे...बिखरा हुआ यादो का वो

बवण्डर खुद ही को पनाह देने लगा है बहुत धीमे धीमे...सफर अभी तो बाक़ी है..करने के लिए

काम भी काफी है....सवाल पूछते है ज़िंदगी से,मकसद पूरा करने मे अब तो मदद कर...कुछ ना कर

मगर वक़्त को थोड़ा सा मेहरबान ही कर...सितारों के झुरमुट से कोई मुझ को निहारा करता है..मेरी

वापसी के लिए परेशां रहा करता है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...