Saturday 29 August 2015

हर  साॅस आने से पहले,तेरा नाम लबो पे आ जाता है--बहुत देर मत करना हमदम मेरे-

कि इनतजाऱ मे यह साॅसे,मुुझे उदास कर जाती है---दुनिया कहती है मुझे,जननत की

परी,मगर तनहाई मे तेरी याद रूला जाती है--ताउमर रहे तेरी ही हूर बन के,बस यही

खुशी की लहर तेरी याद ताजा कर जाती है----

Thursday 27 August 2015

उन आॅखो मे ना जाने कितना दरद देखा,कि हम अपना दरद ही भूल गए---दरद मे

लिपटी उस की कहानी सुन कर,हम अपनी दरदे-दासताॅॅ ही भूल गए---खुद की चाहत तो

कभी ना पा सके हम,पर चाहत उस की लौटा कर जो सकून पाया हम ने--उस सकून मे

हम अपनी कहानी ही भूल गए------

Monday 24 August 2015

सजदे जो किए तेरी मुहबबत मे हम ने--वकत खामोशी से गुजऱ गया---तुझे पाने की

खवाहिश मे उमर का वो खूबसूरत लमहा भी गुजऱ गया----हा मुहबबत की कोई उमर

नही होती--वो पाक होती है गर,खुदा की नियामतो को भी खीच लाती है--बैठे है राहो मे

-बेशक साथ रहने का वो लमहा,फिर चुपके से  आज गुजर गया-------

Sunday 23 August 2015

बह रहा जो दरद बरसो से,इन आॅखो से मेरे--कौन है वो मसीहा जो ले जाए गा मुझे उस

आसमाॅ से परे--इनितहा तो बस इनितहा होती है-कभी खुशी की तो कभी गम की दवा

होती है--परिनदो की भी इक दुनिया होती है,दरद से तडपते है जब तो रिहायश जमी पे

होती है--इनसाॅॅ जब तडप जाता है-उस की रिहायश आसमाॅ से परे होती है-----

Saturday 22 August 2015

जीवन की  हर अहम् याद-चाहे वो सुख से जुडी हो या दुख से-आप को और मजबूत बना

देती है-बस खुद पे यकीन रखिए-हर हाल मे भगवान् का शुकरीया कीजिए-शुभकामनाए

 आप सभी के लिए-------

Friday 21 August 2015

जजबात बिखर जातेे है हवाओ मे ऐसे,कि जैसे उन का कोई वजूद ना हो--मुहबबत तो

जैसे इकबाले-ए-जुरम है,खामोशी से सीने मे दबाए जीते है---भटकती राहो मे ढूढते है

अपने मसीहा को,पाॅव के छालो को चादर मे लपेटे रहते है--तडपा के रख दे जो धडकनो

को,खुद को मिटा दे मुहबबत पे-----वही जजबात कहानी बन जाते है-------

Wednesday 19 August 2015

वो ननहे से लमहे,कब बन गए मेरी जिनदगी-मुझे पता ही नही चला---फिऱ वही जिॅदगी

कब मुझ से जुदा हो गई,मुझे खबर तक ना लगी----पलके खुली फिर कब बनद हो गई--

यह अधूरी सी शाम,कब ढल गई रात मे---यादो के झुरमट मे इतने खोए कि पता ही

नही चला-------

Tuesday 18 August 2015

कभी भी किसी से कोई उममीद मत कीजिए--जब जब आप उममीदे करे गे,आप की

जिनदगी की उललझने और बडती है--खुश रहे और खुुशिया बाटे--यह पयारी सुबह आप

सब के लिए मॅगलमय हो--इसी कामना के साथ-----
दुआओ मे मेरी आज भी शामिल है तू---जुदाई है फिर भी यादो की परछाई मे रहता है तू

----किसमत की लकीरो मे नही है साथ तेरा--लेकिन हर चलती साॅस मे मेरी धडकता है

तू---खुशिया बरसती रहे सदा आॅगन मे तेरे--दुख की कोई लहऱ छू भी ना पाए तुझे-----

कागज के हऱ पनने पे लिखा है बस तेरा ही नाम--यकीकन दुआओ मे मेरी हमेशा

शामिल रहे गा तू-------

Saturday 15 August 2015

यू ही हॅसी हॅसी मे,दिल ले कर हमारा वो चल दिए--मुहबबत की बाजी तो हारी हम ने,

वो तो गजब ढा कर बस मुसकुरा दिए---यह मुहबबत भी अजीब शै है,दिल खोता है कोई

जीतने की ऱजा तो किसी और की है---पास आईए तो जऱा,खता पयारी सी कर के,यू

इठला कर कहाॅ चल दिए-----

Friday 14 August 2015

जय हिनद----भारत माता की जय-----भारत के तमाम शहीदो को हमारा मन से नमन--

Thursday 13 August 2015

तेरी हर आहट पे चौक जाते है कयो---बरसो बीते तुमहे रूखसत हुुए,फिर भी याद आ

जाते हो कयो----फासले इतने है कि कभी कम ना हो पाए गे,फिर भी तुम से मिलना

चाहते है कयो----बदल गई है दुनिया मेरी,बदल चुकी होगी सूऱत ही तेरी--फिर भी

मेरे खवाबो मे अकसर चले आते हो कयो---आखिर कयो----

Wednesday 12 August 2015

दुनिया की नजरो मे हम अपनी जगह,अपनी पहचान बेशक ना बना पाए--पर भगवान्

की नजरो मे अगर खुद को सौप दे,तो यकीकन जीवन का मकसद पूरा कर पाए गे--

साई बाबा आप सब पर अपना आशीष बनाए रखे--जय साई राम-----

Tuesday 11 August 2015

चेहरेे का नूर देखा,तो उनहे हम से पयार हो गया--उलझनो को छोड पीछे,किसी गुफतगू

मे इकरार हो गया----सपनो के ताने-बाने बुने,इक खूबसूरत सा सॅसार बन गया--ढलती

रही---ढलती रही वो शाम,और मुकददऱो का मिलना शाहे गुलजाऱ हो गया----

Sunday 9 August 2015

खुशिया दी है तुम ने इतनी,कि दामन मे मेरे सिमटती ही नही----माॅग सितारो से भर दी

तुम ने ऐसे,कि अब जहाॅ मे तेरे सिवा कोई दिखता ही नही---खनकती चूडियो मे बस

गया यू सॅसार मेरा,कि जननत की खवाहिश भी अब होती नही-----दोनो जहाॅ पा लिए

मैने.कि अब तेरे सिवा कोई जचता ही नही-----

Thursday 6 August 2015

खामोशिया कभी गुनगुनाती भी है,जऱा सुन के देखो--यह वादिया कभी कभी रूला भी

देती है,करीब जा कर तो देखो--हवाए कभी बहकती भी है,जिसम की थरथराहट को छू

कर तो देखो--रूह को रूह से मिलाने की कोशिश मे,जऱा पाक मुहबबत के मायने जान

कर के देखो---यह जिनदगी चुपके से फना हो जाए गी--

Wednesday 5 August 2015

टूटते तारो से कया माॅगे गे कभी-हसरतो का तो कोई अनत ही नही----जिनदगी तो हर

रोज इक नई खवाहिश ले कर आती है-और जनून बन कर खुद पे ही छा जाती है--पल मे

तोला-पल मे माशा बन जाती है---वकती तौर पे खुद से गिला करती है--तारो से अब

कया कहना है-जब हसरतो को अलविदा कहनी ही नही-------

Tuesday 4 August 2015

किसी के किए अहसानो का करज--अगर आप उतारना चाहते है,तो उस के दिल के खाते

मे,अपनी दुआए जमा करते जाईए---सकून मिले गा----जिनदगी का हर पल आप सब

के लिए बहुत खूबसूरत हो--इसी दिली दुआ के साथ----

Monday 3 August 2015

हम कितने अचछे है या कितने बुरे-यह साबित करने के लिए आप को,इस दुनिया मे

किसी को सफाई देने की कोई जरूरत नही होनी चाहिए---सिरफ भगवान् को सचचे मन

से याद कीजिए-वही हमारी अदालत है--खुश रहे और खुशिया बाटे-मेरी मॅगलकामनाए

आप सब के लिए---



जमी पे रहते रहते थक गए है अब--आ आसमाॅ की बुलनदियो को छू ले जऱा---वकते-

हालात से जी घबराया है मेरा-आ खुली वादियो मे साॅसे ले ले जऱा---तेरा यकीॅ अब साथ

है मेरे-तो कयू ना फासलो की दूरिया मिटा दे जऱा---जमाना जलता है तो जलने दे-

बेफिकर हो कर पयार के इन लमहो को अब तो---जी ले जऱा--------


दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...