कल लौट जाओ गे,इस डर से रात भर तेरे सीने से लग कर बहुत रोए है----उम्र भर के लिए तन्हा रह
जाये गे,यह सोच कर रात भर तुझ से लिपट कर जागे है----तेरी नींद मे कही खलल ना हो,इस डर से
कंगन पायल सिराहने रख के बेपरवाह जागे है---निहारते रहे है हर लम्हा तुझे कि फिर यह लम्हे कभी
ना मिल पाए गे---जाओ लौट जाओ अपनी दुनिया मे कि हम ताउम्र तेरी इबादत मे तेरी ही खुशियो
के लिए तिल तिल खुद को गलाते जाये गे-----
जाये गे,यह सोच कर रात भर तुझ से लिपट कर जागे है----तेरी नींद मे कही खलल ना हो,इस डर से
कंगन पायल सिराहने रख के बेपरवाह जागे है---निहारते रहे है हर लम्हा तुझे कि फिर यह लम्हे कभी
ना मिल पाए गे---जाओ लौट जाओ अपनी दुनिया मे कि हम ताउम्र तेरी इबादत मे तेरी ही खुशियो
के लिए तिल तिल खुद को गलाते जाये गे-----