Sunday 3 March 2019

सकून अब इस दिल को मिले,इसी खाव्हिश के तहत तेरे सज़दे मे झुकते चले गए...कौन है आस-पास

कौन है दिल-दरीचे से परे,सब भूल कर तुझे हर पल  याद करते चले गए...क्या करे यह दुनिया रास

नहीं आई हम को,समझने के लिए एक भी नहीं बचा अब तो...नहीं जानते पूजा के खास तरीको को,

ना ही जानते है इस दुनियां मे जीने के रिवाज़ो को...बस नैनो मे नीर भरे,मन मे इक विश्वास रखे

तेरे सज़दे मे झुके तो बस झुकते चले गए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...