सकून अब इस दिल को मिले,इसी खाव्हिश के तहत तेरे सज़दे मे झुकते चले गए...कौन है आस-पास
कौन है दिल-दरीचे से परे,सब भूल कर तुझे हर पल याद करते चले गए...क्या करे यह दुनिया रास
नहीं आई हम को,समझने के लिए एक भी नहीं बचा अब तो...नहीं जानते पूजा के खास तरीको को,
ना ही जानते है इस दुनियां मे जीने के रिवाज़ो को...बस नैनो मे नीर भरे,मन मे इक विश्वास रखे
तेरे सज़दे मे झुके तो बस झुकते चले गए...
कौन है दिल-दरीचे से परे,सब भूल कर तुझे हर पल याद करते चले गए...क्या करे यह दुनिया रास
नहीं आई हम को,समझने के लिए एक भी नहीं बचा अब तो...नहीं जानते पूजा के खास तरीको को,
ना ही जानते है इस दुनियां मे जीने के रिवाज़ो को...बस नैनो मे नीर भरे,मन मे इक विश्वास रखे
तेरे सज़दे मे झुके तो बस झुकते चले गए...