क्या तुम ने कभी खव्हिशो को दम तोड़ते हुए देखा है...क्या तुम ने सपनो को बिखरते हुए देखा है...
टूट टूट कर जीना क्या होता है,दिल रोता है मगर क्या लबो को मुस्कुराते तुम ने कभी देखा है...
नज़र भर जाती है बात बात पे,मगर आँखों मे कुछ गिरा है यह कहते कभी तुम ने सुना है...
गर जानते हो यह सब..इस दौर को कभी भुगता है...यक़ीनन ज़िंदगी को जीने का फलसफा तुम
ने हमी से ही सीखा है....
टूट टूट कर जीना क्या होता है,दिल रोता है मगर क्या लबो को मुस्कुराते तुम ने कभी देखा है...
नज़र भर जाती है बात बात पे,मगर आँखों मे कुछ गिरा है यह कहते कभी तुम ने सुना है...
गर जानते हो यह सब..इस दौर को कभी भुगता है...यक़ीनन ज़िंदगी को जीने का फलसफा तुम
ने हमी से ही सीखा है....