भोले भाले वो नैना..उस के दिल के आर-पार हो गए..वो भोले थे इसलिए ही तो उस की खास पसंद बन
गए..जब वो झुकते तो दिल उस का चीर जाते..जो उठते तो उसी पे ही क़यामत ढा जाते...एक दिन पूछा
उस ने भोले नैनो वाली से,कौन दे देस से आई हो जो इतनी भोली सूरत और भोले नैना संग लाई हो..इक
जवाब उस का काफी था...यह उस देस की माटी से पाए है,जहां धर्म बिकता नहीं..दिल मे बैर पलता नहीं..
अब समझने की बारी उस की थी..शीश झुका अब उस के देस के आगे,जहां से यह अपने दो भोले नैनो
को लाई थी...