यह ज़िंदगी की शाम है या जलता हुआ कोई दीया...उजाला सब को दिया खुद अँधेरा चुन लिया...जल
जल कर कही ना बुझे,तेरे नाम को साथ साथ थाम लिया...नज़र भरे या नज़र हँसे,दिल तो बस तेरे
पास रहे...कहानियां ज़माना बनाता रहे या जिलत्ते देता रहे..दुल्हन कभी रोती नहीं जब उस के साथ
उस का साजन रहे...सात समंदर पार सही,तेरा साथ मेरे साथ रहे..
जल कर कही ना बुझे,तेरे नाम को साथ साथ थाम लिया...नज़र भरे या नज़र हँसे,दिल तो बस तेरे
पास रहे...कहानियां ज़माना बनाता रहे या जिलत्ते देता रहे..दुल्हन कभी रोती नहीं जब उस के साथ
उस का साजन रहे...सात समंदर पार सही,तेरा साथ मेरे साथ रहे..