Wednesday 20 March 2019

यह ज़िंदगी की शाम है या जलता हुआ कोई दीया...उजाला सब को दिया खुद अँधेरा चुन लिया...जल

जल कर कही ना बुझे,तेरे नाम को साथ साथ थाम लिया...नज़र भरे या नज़र हँसे,दिल तो बस तेरे

पास रहे...कहानियां ज़माना बनाता रहे या जिलत्ते देता रहे..दुल्हन कभी रोती नहीं जब उस के साथ

उस का साजन रहे...सात समंदर पार सही,तेरा साथ मेरे साथ रहे..



दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...