अक्सर गुलाबों से जैसे,तेरी ही महक आती है...पाँव धरते है जहा,तेरे एहसास भर से मेरी दुनिया ही
संवर जाती है...मुस्कुराने की वजह जानने के लिए,क्यों लोग बैचैन रहते है....क्यों बताएं उन्हें कि
सिर्फ तेरे छूने भर से,मेरी इन आँखों मे चमक आ जाती है....रुखसार से जुल्फे उठाने की तेरी यह
अदा,हम तो जैसे पिघले तो बस पिघल ही जाते है....
संवर जाती है...मुस्कुराने की वजह जानने के लिए,क्यों लोग बैचैन रहते है....क्यों बताएं उन्हें कि
सिर्फ तेरे छूने भर से,मेरी इन आँखों मे चमक आ जाती है....रुखसार से जुल्फे उठाने की तेरी यह
अदा,हम तो जैसे पिघले तो बस पिघल ही जाते है....