तेरे बगैर यह जिनदगी अब जी नही जाती---हजाऱ कोशिशे के बावजूद,तेरी यादे भुुलाई
नही जाती---यह आॅसू जो बहते है झरनो की तरह,मुसकुराना भी चाहू तो इन लबो की
ताकत साथ नही देती--यह कैसी बेबसी है मेरी, कि जान से मेरी यह रूह निकल ही नही
पाती----
नही जाती---यह आॅसू जो बहते है झरनो की तरह,मुसकुराना भी चाहू तो इन लबो की
ताकत साथ नही देती--यह कैसी बेबसी है मेरी, कि जान से मेरी यह रूह निकल ही नही
पाती----