Wednesday 28 January 2015

आप ने जो सिखाया,उस के कदर दान है हम...एक मुकममल इनसान बनाया उस के

लिए की गई वफाओ के गुलाम है हम....अब किसी की नादानियो पे रोते नही है हम...

टुकडे टुुकडे जिनदगी को जीते नही हैै हम....दुनियाॅ की भीड मे आप कहाॅ खो गए..उन

उसूलो के मायने कहाॅ खो गए...लौट आइए आप के इनतजाऱ मे वीरान है हम...... 

Tuesday 27 January 2015

बेेपरवाह हवाओ नेेे उडा दी जुलफे तेरी...हम समझे यह मौसम की कहानी हैै...तुम रो

दिए मेेरेे कानधेे पे सर रख कर..हम ने जाना यह बारिश की बदली है....तुम गुजरे जिन

जिन राहो से मेरी मुहबबत बन के..वहाॅ आसमाॅ ने गिरा दी ओस की बूॅॅदे ऐसे...तो हम

यह समझे कि यह तो तेरे कदमो की ऱवानी है.........

Monday 26 January 2015

लौट आओ कि इनतजाऱ की घडियाॅ कटती नही अब..पॅछी भी लौटने लगे है घर..रात

के झुरमुट से पहले....इतनी सजा कया कम है तेरे बिना जो जी लिए इतना....कहते है

इनतजाऱ जब हद से जयादा होने लगे और मुहबबत दीवानगी को छूने लगे...होता है

इबादत का असर इतना कि हमारे मिटने से पहले लौट आओ गेे..खुद पे यकी है इतना..

Sunday 25 January 2015

बहुत कुछ था ऐसा जो तुमहे कह नही पाए..बहुत कुुछ था ऐसा जो तुुमहे बता नही पाए..

हर कदम चलते रहेे..चलते रहे.......थक गए है कितना..कह नही पाए...दुनियाॅ ने..इन

अपनो नेे सताया कितना..रूलाया कितना....पर हर बार मुुसकरा कर बस तेरे हमनशी ..

हमनवाॅ बन गए....तुम पयार करते हो हमे..दीवानो की तरह......इसी एहसास के साथ

हम जीते ही रहे...जीते ही रहे.......

Saturday 24 January 2015

तेरे ही साथ जीना चाहते थे जीवन..पर जी नही पाए...तेरे ही साथ रहना चाहते थे..पर

रह नही पाए...तेरे साथ जो किए थे वादे..निभा नही पाए...कुदरत ने किया जो जुदा..

उस का सामना भी हम कर नही पाए..वकत की मार को भी हम सह नही पाए...पर

तनहाॅ है यह सोच कर.....कि जब जुदाई मे जिनदा है...तो जिनदा इनतजाऱ मेे भी रहे गे

...कि मौत के बाद जो जनम होगा..उस मे तेरे साथ..तेरा साथ निभा जाए गे...

Friday 23 January 2015

हर लफज मेे तेरे लिए पुकार है..तू सुन पाए या ना सुन पाए..पर मेरी पुकार की इनतिहाॅ

आसमाॅ की बुलनदी तक है..खामोशियाॅ कभी बोला नही करती..पर..पर मन केे ऱाज

खोल जाती है..तो कया हुआ जो साथ छूट गया..तो कया हुआ जो दिल टूट गया..

तउमर इकटठा करते रहे..टूटे दिल के टुकडो को..आज कयू दिल की आवाज सुनना

चाहते है..जब कि जानते है टूटे दिल आवाज नही करते....

Monday 19 January 2015

हम ने आप को इतना चाहा..इतना चाहा....कि आप के लिए यह दुनियाॅ,यह जहान...

सब छोड डाला...आप की खातिर खुद को भी बदल डाला...कहते है पयार मे जब हो बेहद

ताकत...तो राहे आसाॅ हो जाती है..खुदा की इबादत की तरह..मुहबबत मे फना हो जाती

है..कहानी किसमत की नही जानी हम ने..जाना तो इतना जाना हाथो की लकीरो से

आप को चुराया है हम ने....

Sunday 18 January 2015

तुम चले जिस राह पर..हम भी पीछे पीछे आ गए....कभी मुड कर जो पीछे देखा होता...

तो जान पाते,तेरे ही कदमो मेे बिछ रहे थे हम...हम तो बॅधे थे तेरी ही उस महक के

साथ,जो हमारे ही दामन को महका रही थी.....पर अफसोस है इस बात का,कि फिजाओ

मे फैली थी खुशबू हमारी...और तुम.....बेपरवाह अपने कदम बडा रहे थे वीराने मे........

Friday 16 January 2015

अकसर गुलाबो को तेरे बगीचो मे खफा देखा है...कभी कलियो को कभी काॅटो को खफा

देखा है...यू तो गुलाबो की महक पूरे आॅगन मे महकी है....बिखरी हुई पॅखडियो से यह

फिजा भी बहकी बहकी है.....पूछते है तुम से....जहाॅ महक रहा है आॅगन...महक रही है

फिजा....वहाॅ कयू है गुलाबो की अदा खफा खफा.........

Thursday 15 January 2015

जो पल गुजर गाया वो भी हमारा था...जो आज चल रहा है वो भी हमारा है.....पर कल

कहाॅ होगे यह ना तुम जानो ना हम जाने..जिनदगी की राहो मे ना जाने कितने लोग

मिलते है..कुछ ऐसे जो साथ चलते है..कुुछ ऐसे जो छूट जाते है..कुछ विरले ही होते है

जो दुआओ मे बस जाते है.....

Tuesday 13 January 2015

जिनदगी जहाॅ खतम होती है...हम जीना वही से शुरू करते है.....दुखो की इनतहाॅ जब

होती है..सुख वही से ठूॅडना शुरू करते है.....तनहाई जब जी भर के रूला देती है..खुशी

की तलाश तब शुरू हो जाती है.....किसमत को जब कोस लेते है हद भर से........आॅसमा

से फूल बिखर कर दामन को सजा देते है........

Saturday 10 January 2015

मुहबबत वो नही जहाॅ आसमाॅ से तारे तोड लाने की बात हो...मुहबबत वो भी नही जहाॅ

ऐशो आऱाम के वादो पे साथ निभाने की बात हो...अकसर गुरबत मे वो रिशते भी टूट जाते है.

जो कभी पयाऱ की मिसाल होते है..मुहबबत नाम है उस नाते का.....जहाॅ गुरबत मे,दुख

मे.....साथ तू भी मेरे...साथ मै भी तेरे.............

Friday 9 January 2015

कयूॅ नही समझा तुम ने हमारी आॅखो का इशारा,हम रोक रहे थे तुमहे..यह तुम ने कयूॅ

नही जाना..जरूरी तो नही सहारा लफजो का ही लिया जाए..हमारी पायल का खनकना..

वो अनदाज भी नही समझा तुम ने....कहते है पय़ार की जुबाॅॅ आॅखो से शुरू होती है...

फिर कयूॅ नही समझा मेरी आॅखो का इशारा.........

Tuesday 6 January 2015

एक नजर जो दूर तक जाती है..पर फिर लौट कर वापिस आती है...हर राह हर मुसाफिर

से यह ताकीद करती है.......तुम ने देखा है सुरख जोडे मे सजा मेरा मेहबूब....वो महकी

फिजा,वो जननत का खवाब..धीमे कदमो मे भी पायल का शोर होता है...हिला दे जो

दामन,परिनदो के उडने का सबब होता है..रूक गए है इक मोड पर..जहाॅ हवाएॅ भी मेरे

मेहबूब के इनतजार मे फना होती है....

Monday 5 January 2015

तेरी यादो ने आज कयूॅ कहर ठाया है..मौसम तो सरद है पर आॅसूओ ने चेहरे को

भिगोया है..बात तो कुछ भी नही,पर किसी से भी बात ना करने का इरादा बनाया है...

तेरे जाने के बाद बदले है वो लोग,जिनहे तुम ने हमारी हिफाजत का हकदार बनाया था.

आज उन सब से बहुत दूर निकल आए है हम..लौट आओ कि आज हम ने तुमहे पुकारा

है...........
तेरे साथ कदम जितने भी चले,वो कदम नही बस वादे थे...तेरे साथ जो वादे किए,वो

वादे ही नही..तेरी रूह को दिया इक फऱमान है...कोई समझा कि नही समझा,पर हम तो

हर कदम,हर वादे के आज भी गुलाम है...सदियाॅ गुजर जाए गी बिछडे हुए,पर हर सुबह

आज भी आबाद है..कयो कि  आज भी सूरज उगने से पहले रात का गुलाम है.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...