Wednesday 31 December 2014

वो ही दिन वही सुबह..मौसम का मिजाज भी कुछ वैसा ही है...वो दिन भी तुमहारा था..

यह आज भी तुमहारा है..आते रहे गे साल दर साल...रिशतो का नाम वही होगा...ना

बदले है ना बदले गे कभी..यादो को फिर ताजा करे गे..हमेेशा यह आते जाते साल...
कभी खोया कभी पाया..कभी यादो को झुठलाया...शिददत से जिसे चाहा,उसे पाया तो

दिल बोला..मुहबबत एक नियामत है...जब उसे खोया तो दिल बोला...मुहबबत सिरफ

बगावत है..ना पाना है ना खोना हैै,मुहबबत मे जो मिट जाए..खुदा के आदाब मे इबादत

का खजाना है...

Monday 29 December 2014

हजाऱो परिनदे उडा दिए हम ने,पर तेरी यादो को ना उडा पाए हम..हजारो शहरो मे घूमे

पर इक तेरे ही शहर मे बस नही पाए हम..गली गली ढूॅडा तुझे,पर तेरा ही ठिकाना नही

ढूॅड पाए हम..यह दुनियाॅ बहुत बडी है लेकिन....तेरे कदमो के वो निशाॅ ही ढूॅड नही पाए

हम....
वो एहसास ही था तेरे पयार का,जो हमे जीवन दे गया... वो विशवास था तेरे जनून का,

जो हमे कायल कर गया...थके कदमो से जब भी य़ह सफर तय करते है,तेरे कदमो की

आहट तेरे होने का एहसास देेती है..तू शामिल है मेरी हर साॅस मे, यह मेरी धडकन हर

बार तुझे यही पैगाम देती है...

Friday 26 December 2014

मुददत बाद उस का मिलना,हमे दीवाना कर गया..वो हलकी सी खलिश तेरे पयार की,

वो मुहबबत का जनून मेरे हिसाब का..कया कहे..सब बेजुबान कर गया..कहने को बहुत

कुछ था,पर निगाहे-इशक ने सब कमाल कर दिया...वो पहलू मे बैठे थे हमारे,पर हम....

खुद के सितम से जखमे-बेहाल हो गए....

Thursday 25 December 2014

जिनदगी मुसकुरा रही थी हम पे..और हम..हम उन की अदाओ पे कुरबान हो रहे थे..

खुली अधखुली आॅखो से उन को निहार रहे थे..पयार का यह जजबा पाया था हम ने

बरसो बाद..बहुत मुशकिल से नसीब हमारे दऱवाजे पे दसतक दे रहा था..इबादत मे जब

सजदे किए हम ने,तो मुहबबत मुसकुराई और दामन मे हजारो फूल बिखर गए....

Wednesday 24 December 2014

MERRY CHRISTMAS.....WITH BES WISHES....
गुजर रहे थे फूलो के बगीचे से..खुशबू ने तुमहारी यादो को दोहरा दिया...काॅटा जो चुभा

हाथो मे,तेरी बेवफाई ने रूला दिया...फूूलो और काॅटो के इस एहसास ने जीने का मकसद

समझा दिया..आॅसूओ के इस सैलाब ने,जितना तोडा हमे...उतना ही मजबूत बना दिया.

Tuesday 23 December 2014

वो थामे थे अपने हाथो मे दौलत के अमबार..लुटाना चाहते थे हम पे ऐशो आराम के

अधिकार..हम हॅस दिए उन पे,कया करे पा कर हम यह अधिकाऱ..जो चाहा हम ने   वो

ही दे ना सके तुम..इक पयार का लमहा,जिस को पाने के लिए सह गए हम कितने ही

सितम..तुम कमाते रहे दौलत..और हम अपनी हसरतो को गिनते ही रहे.........

Friday 19 December 2014

तू मुझे भूल जाए,कोई गम नही..तू मेरा दामन छोड दे,तो भी कोई शिकवा  नही....बस

डरते है उस तनहाई से,जो तेरे बिना हमे डस जाए गी..डरते है उन तमाम यादो से,जो

तेरे बिना इन जखमो को नासूर बना जाए गी....तडप तडप कर भी इन साॅसो से आजाद

नही हो पाए गे,रूखसत तो दुनियाॅ से तभी हो पाए गे..जब तेरी बाहो मे आखिरी साॅस ले

पाए गेे....

Thursday 18 December 2014

तू मेरे साथ है...या मेरे पास है...फरक जयादा नही...मेरी रूह मे समाया हुआ मेरा ही

वजूद है...तू जहाॅ भी रहे,मेरी दुआओ मे शामिल है...कतऱा कतऱा बहते इन आॅसूओ की

जुबान मे शामिल है....मिल नही पाए गर इस जीवन मे,फिर भी हर चलती साॅस मे तू

शामिल है....

Friday 12 December 2014

तुझे देखा नही कभी पर खवाबो मे पाया है..तुझ से मिले नही कभी,पर इन नजाऱो मे

पाया है..इबादत जब भी की है खुदा की हम ने,उन के चरणो मे झुक जाने के बाद,तुझे

ही नवाजा है..यह मुहबबत है मेरी तेरे लिए या फिर सदियो का नाता है,नही जानते..

पर अभी तक जिसे भी देखा है,तेरा अकस कही नजर नही आया है...

Thursday 11 December 2014

तमनना जिस की,की थी बहुत शिददत से..उसी को आज अपनी मरजी से खो दिया

हम ने..खुशियाॅ दसतक दे रही थी दर पे हमारे,पर हम ने खुद ही वो दरवाजा बनद कर

दिया..बरस रहे है आॅसू आज झरने की तरह,याद आ रही है उस की खवाबो की तरह..

समझ नही पा रहे,कयूॅ किया हम ने ऐसा..शायद इसी मे उस का भला था,यही सोच कर

हम ने अपनी खुशियो को कुरबान कर दिया..

Tuesday 9 December 2014

बहुत उदास.बहुत ही तनहाॅ है हम...जिनदगी को जीने के लिए जऱा तैयार नही है हम..

जब सोचते है कि तेरे बगैर तो अभी और जीना है,बरसो जीना है...तो आॅसूओ से यह

दामन भीग जाता है..खौफ मे जीते है कि यह सफऱ तेरे बिना कटे गा कैसे...अकसर

अकेले मे खुदा से दुआ करते है,कि तुझ से मिलाने के लिए हमारी साॅसे बहुत कम कर

दे..
जब जब भी तेरी राहो से गुजरे है हम,तब तब तमाम यादो के तूफाॅ से गुजरे है हम..

कोशिश ही नही की तुझे भूल जाने की,कोशिश ही नही की तेरी यादो सेे बाहर जानेे की..

जानते है हम और जानते हो तुम,इस दुनियाॅ से परे एक दुनियाॅ और भी है...जिसे कहते

है जननत,जो पयार यहाॅ नही मिलते..अकसर जननत की वादियो मे मिलते है..

जुसतजू जिस की थी,उसे ही पा ना सके हम..बरसो से बस उसी की य़ादो मे जी रहे है

हम..ऐसा नही कि जिनदगी की इन राहो मे,कोई नही मिला हमे..पर आप जैसा कोई

और दिखा ही नही हमे..जीने को तो यह जीवन जी रहे है हम,पर जीने की कोई वजह

खुद को ही बता नही पा रहे है हम..

Monday 8 December 2014

आज फिर जिनदगी ने हमे उदास कर दिया,पुरानी यादो ने हमारे जखमो को फिर से

ताजा कर दिया..भटक रहे है दर ब दर उस पयार को पाने के लिए,जिस पयार ने हमे

इस दुनियाॅ से ही बेगाना कर दिया..

Tuesday 2 December 2014

सपनो की दुनियाॅ मे जाने से पहले,हम हकीकत से मिलने चले आए..उस खूबसूरत सी

जननत मे जाने से पहले,हम अपने गरीबखाने चले आए..सुना था जननत मे बेपनाह

खूबसूरत नजारे होते है,लौटे जो अपने आॅगन मे तो मासूम हॅसी के फववाऱे देखे.....

जननत को तो भूल गए,बस मासूम हॅसी मे अपना जीवन सवाॅरने चले आए....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...