Wednesday 27 February 2019

मशक्कत बहुत की उस ने,हमारे नज़दीक आने की...कभी भेजे तोहफे तो कभी ढेरो दौलत ही लुटा दी..

कदम हमारे जहां जहां पड़े,फूलो की बरसात करवा दी...महलो के महल बने और तक़दीर हमारी बदलने

की अर्ज़ी तक लिखवा दी..जनाब..प्यार अगर दौलत से ख़रीदा जाता तो प्यार मे एक नाम ''पाक''ना

होता...पाक मुहब्बत के मायने जो आप ने जाने होते,तो महलो का खवाब हम को ना दिखाया होता..

दुनिया मे बहुत है इसी दौलत मे बिकने वाले..ज़मीर हमारे ने आप को किसी भी काबिल ना समझा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...