मशक्कत बहुत की उस ने,हमारे नज़दीक आने की...कभी भेजे तोहफे तो कभी ढेरो दौलत ही लुटा दी..
कदम हमारे जहां जहां पड़े,फूलो की बरसात करवा दी...महलो के महल बने और तक़दीर हमारी बदलने
की अर्ज़ी तक लिखवा दी..जनाब..प्यार अगर दौलत से ख़रीदा जाता तो प्यार मे एक नाम ''पाक''ना
होता...पाक मुहब्बत के मायने जो आप ने जाने होते,तो महलो का खवाब हम को ना दिखाया होता..
दुनिया मे बहुत है इसी दौलत मे बिकने वाले..ज़मीर हमारे ने आप को किसी भी काबिल ना समझा..
कदम हमारे जहां जहां पड़े,फूलो की बरसात करवा दी...महलो के महल बने और तक़दीर हमारी बदलने
की अर्ज़ी तक लिखवा दी..जनाब..प्यार अगर दौलत से ख़रीदा जाता तो प्यार मे एक नाम ''पाक''ना
होता...पाक मुहब्बत के मायने जो आप ने जाने होते,तो महलो का खवाब हम को ना दिखाया होता..
दुनिया मे बहुत है इसी दौलत मे बिकने वाले..ज़मीर हमारे ने आप को किसी भी काबिल ना समझा..