शोखियों से भरी है यह रात,चल इन अंधेरो मे कही गुम हो जाए..चाँद की इस रौशनी के तले,लफ्ज़
जो रहे अधूरे उन को पूरा कर जाए..गुफ्तगू करे इतनी कि सुबह का सूरज आस्मां मे निकल आए..
बहुत खूबसूरत है यह रात,अपनी पाक मुहब्बत को शब्दों मे पिरो जाए...दुनिया जगे जब सुबह,
यही शब्द मुहब्बत मे ढल जाए...बहुत कुछ जो छूट गया पीछे,उस को मुकम्मल कर जाए...
जो रहे अधूरे उन को पूरा कर जाए..गुफ्तगू करे इतनी कि सुबह का सूरज आस्मां मे निकल आए..
बहुत खूबसूरत है यह रात,अपनी पाक मुहब्बत को शब्दों मे पिरो जाए...दुनिया जगे जब सुबह,
यही शब्द मुहब्बत मे ढल जाए...बहुत कुछ जो छूट गया पीछे,उस को मुकम्मल कर जाए...