Tuesday 12 February 2019

शोखियों से भरी है यह रात,चल इन अंधेरो मे कही गुम हो जाए..चाँद की इस रौशनी के तले,लफ्ज़

जो रहे अधूरे उन को पूरा कर जाए..गुफ्तगू करे इतनी कि सुबह का सूरज आस्मां मे निकल आए..

बहुत खूबसूरत है यह रात,अपनी पाक मुहब्बत को शब्दों मे पिरो जाए...दुनिया जगे जब सुबह,

यही शब्द मुहब्बत मे ढल जाए...बहुत कुछ जो छूट गया पीछे,उस को मुकम्मल कर जाए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...