Tuesday 12 February 2019

तेरे आने के इंतज़ार मे,कभी कभी हम यू ही तेरी राहो मे बिखर जाया करते है...हसरते शायद कभी

पूरी ना भी हो,मगर उम्मीदों के दिए तो अक्सर जलाया करते है..बेवजह कभी कभार याद कर के उन

हसींन यादो को,इन आँखों से आंसू भी छलकाया करते है...मगर लबो पे हंसी रख कर,इस ज़माने मे

अपना रुआब बनाया करते है..नाज़ुक तो आज भी उतने है मगर,इन नाज़ो को निभाने के लिए ही

आज भी तेरी ही राहो मे उसी तरह बिखर जाया करते है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...