Thursday 31 January 2019

रुक जाईये कि कदम अब एक भी और बड़ा नहीं सकते...देखिये ना हमारे पाँव के छालो  को,लहू का

दर्द है कितना बता भी नहीं सकते..इतने खुदगर्ज़ ना बनो,हम तकलीफ मे परेशां है कितना तुम्हे

समझा ही नहीं सकते...'' दुनियाँ अभी दर्द बेइंतिहा देने को है तैयार,प्यार के रास्ते है भरे कितनी

उलझनों से..यह तुम्हे बता ही नहीं सकते.. साथ देने का वादा जब दिया है,तो तकलीफो से क्या

डरना..हम खुदगर्ज़ नहीं,हमसफ़र है तेरे..प्यार करते है कितना,अब यह जता भी तो नहीं सकते ''...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...