Friday 18 January 2019

पुकारो गे गर बार बार मुझे,जानते हो ना कि आ नहीं पाए गे....मर्ज़ी नहीं यह हमारी,मज़बूरी है यह

तुम भी समझ पाओ गे...बहुत कुछ,बहुत कुछ अधूरा है अभी...जो किया था तुम से वादा कभी,वो

पूरा कर सलीके से निभा कर ही आये गे...लौट कर फिर इस जहाँ मे ना आना चाहे गे,किसी भी रिश्ते

मे बंधना ही नहीं चाहे गे...कदम कदम पे जहाँ अपनी बेगुनाही का सबूत देना पड़े,अकेले रहने का

दर्द खुद ही सहना पड़े...कसम खुदा की,जब भी छोड़ी यह दुनिया..पलट कर दुबारा यहाँ नहीं आये गे ..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...