Wednesday 30 January 2019

क्या लिखे तेरे लिए कि तेरा नाम ही काफी है मेरे जीने के लिए ...गुजर रहे है लम्हे,गुजर रहे है साल

प्यार तेरा पाने के लिए अभी भी,बरसो करे गे तेरा इंतज़ार...शिकवा नहीं कोई,शिकायत का नामो-निशाँ

भी नहीं..तेरे नाम से जुड़ा है जब नाम मेरा,फिर रुत कोई भी हो.. हो बरखा या पतझड़ की कोई शाम..

फासले अक्सर पास रह कर भी कायम रहते है...तू बेशक दूर सही,मगर खयालो मे मेरे है...यही काफी है

मेरे जीने के लिए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...