दिल अपने की सुने या धक धक तेरे दिल की सुने..अकेले मे आवाज़ अपनी सुने या तेरे नग्मों को
ज़िंदगी अपनी मे शामिल कर ले...बहुत गुमान है तुझे अपनी सूरत पे,कसम है खुद की सूरत की
तेरी सीरत को आज भी किसी की नज़र ना लगे...सूरत तो हवाओ मे ग़ुम हो जाया करती है,एक
सीरत ही तो है जो लोगो की यादो मे बस जाया करती है..पर गुमा फिर भी अपनी अच्छी सीरत
पे ना करना,यह दुनिया एक छोटी सी खता के लिए सब कुछ भूल जाया करती है...
ज़िंदगी अपनी मे शामिल कर ले...बहुत गुमान है तुझे अपनी सूरत पे,कसम है खुद की सूरत की
तेरी सीरत को आज भी किसी की नज़र ना लगे...सूरत तो हवाओ मे ग़ुम हो जाया करती है,एक
सीरत ही तो है जो लोगो की यादो मे बस जाया करती है..पर गुमा फिर भी अपनी अच्छी सीरत
पे ना करना,यह दुनिया एक छोटी सी खता के लिए सब कुछ भूल जाया करती है...