Thursday 30 April 2020

हर तरफ मौत का खौफ पर ज़िंदगी से जंग रोज़ जारी है...कोई चला गया तो किसी की बारी आने वाली

है..कोई डर रहा है आने वाली मौत से तो कोई खुद को संभालने मे जुटा है..सच्चाई ज़िंदगी की सामने

है और इंसान के हाथ खाली है...सिखा रही है कोई ताकत सही कदम,हर कदम रखने के लिए..जाना

है सभी को तो फिर जीने से समझौता कैसे..साँसे तो किसी रोज़ बिन बताए निकल जाए गी..जीना है

पता नहीं कब तल्क़,मगर बिंदास जीना है..क्यों करे तौहीन इस ज़िंदगी की,क्या पता कौन सा करिश्मा

अभी और होना है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...