यह महक तेरे प्यार की आज...बहुत जयदा क्यों आ रही है...देखते है इधर-उधर मगर यह तो तेरे यहाँ
से आ रही है...बंद है दरवाजे और तमाम खिड़कियां,फिर भी यह क्यों मन मेरा महका रही है...गज़ब
है यह प्यार का रैला भी..दिखता तो कुछ भी नहीं मगर चारों तरफ खुशबुओं के ढेले है..रोक ले जरा इस
प्यार की तेज़ महक को..कि रात का माहौल है और हम को जोरों की नींद आने को है...
से आ रही है...बंद है दरवाजे और तमाम खिड़कियां,फिर भी यह क्यों मन मेरा महका रही है...गज़ब
है यह प्यार का रैला भी..दिखता तो कुछ भी नहीं मगर चारों तरफ खुशबुओं के ढेले है..रोक ले जरा इस
प्यार की तेज़ महक को..कि रात का माहौल है और हम को जोरों की नींद आने को है...