Sunday 5 April 2020

राहें आगे बहुत कठिन बेहद कठिन होने वाली है...बहुत दूर जहा तक जाती है नज़र,अंधेरो की परछाई

आने वाली है...पूछे कोई,क्या हम को डर लगता है...जवाब हमेशा से एक ही देते आए है..ज़िंदगी और

मौत मे सिर्फ इक साँस का फर्क होता है...धागा है इतना कच्चा कि तोड़ने मे वक़्त कहा लगता है..जब

इतना सह कर इतनी दूर निकल आए है..तो सफर अब बचा ही कितना है...कितनो को हंसा दिया तो

कितनो को जीवन जीना तक सीखा दिया...फर्क इतना रहा,कोई सब कुछ सीख गया और हमें शुक्रिया

कह गया..मगर कोई सीखा तो मगर जाते-जाते हमी को दुःख दे गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...