Thursday 16 April 2020

भरभरा कर ना गिर जाए किसी कमजोर दीवार की तरह..हम ने अश्कों का दामन थाम लिया...अक्सर

यही तो है जो हम को हम से जयदा प्यार करते है..हम दुखी हो तो यह साथ हमारे रो देते है...खिल जाए

तो भी साथ हमारे हंस देते है..लम्बे सफर पे जाने की सोचे तो यही है जो अक्सर राह हमारी रोक लेते है..

याद दिलाते है,मकसद को भुलाना होगा तुम्हारे लिए मुमकिन,पर हम जो हर पल साथ तुम्हारे चलते आए

है..कैसे भूले कि तेरी ज़िंदगी का मकसद अधूरा है अभी..उस को निभा दे शिद्दत से,उस के बाद अल्लाह

की मर्ज़ी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...