वो प्यार बेशुमार था या इश्क का जनून था...वो हुस्न बेमिसाल था या दोनों रूहों का मिलाप था..देह तो
सिर्फ देह थी और चेहरे इक पहचान थे.. तड़प जब पैदा हुई,आंसुओ का आना इबादत और ईमान था...
छुआ नहीं कभी मगर, सर से पांव तक दोनों का एक ही नाम था...एक रूप एक ही रंग,क्या उन मे कोई
एक राधा तो दूजा श्याम था...वो गहरे नैन जो कभी बोले नहीं..मगर समझने के लिए दूजे के नैन मशहूर
थे...यक़ीनन,वो प्यार बेशुमार था..इश्क का गहरा जनून था...
सिर्फ देह थी और चेहरे इक पहचान थे.. तड़प जब पैदा हुई,आंसुओ का आना इबादत और ईमान था...
छुआ नहीं कभी मगर, सर से पांव तक दोनों का एक ही नाम था...एक रूप एक ही रंग,क्या उन मे कोई
एक राधा तो दूजा श्याम था...वो गहरे नैन जो कभी बोले नहीं..मगर समझने के लिए दूजे के नैन मशहूर
थे...यक़ीनन,वो प्यार बेशुमार था..इश्क का गहरा जनून था...