तूफ़ान आता है जितनी तेज़ी से..जाता भी अपनी मर्ज़ी से है..रुकता है जितने भी पल,सिखा कर बहुत
कुछ जाता है..क्यों तन्हाई मे भी इस का खलल चौंका देता है..दूर-दराज़ के संदेशो से मन बार-बार क्यों
घबराता है..जिन को कभी देखा तक नहीं,उन के लिए क्यों आंख से आंसू निकल आता है..जज़्बा जीने का
बनाए रखना,यह तूफ़ान जल्द ही चला जाए गा...बेबसी को अपना साथी ना बना कि बिंदास साँसे लेने
का दिन जल्द ही आए गा...
कुछ जाता है..क्यों तन्हाई मे भी इस का खलल चौंका देता है..दूर-दराज़ के संदेशो से मन बार-बार क्यों
घबराता है..जिन को कभी देखा तक नहीं,उन के लिए क्यों आंख से आंसू निकल आता है..जज़्बा जीने का
बनाए रखना,यह तूफ़ान जल्द ही चला जाए गा...बेबसी को अपना साथी ना बना कि बिंदास साँसे लेने
का दिन जल्द ही आए गा...