Tuesday 21 April 2020

तूफ़ान आता है जितनी तेज़ी से..जाता भी अपनी मर्ज़ी से है..रुकता है जितने भी पल,सिखा कर बहुत

कुछ जाता है..क्यों तन्हाई मे भी इस का खलल चौंका देता है..दूर-दराज़ के संदेशो से मन बार-बार क्यों

घबराता है..जिन को कभी देखा तक नहीं,उन के लिए क्यों आंख से आंसू निकल आता है..जज़्बा जीने का

बनाए रखना,यह तूफ़ान जल्द ही चला जाए गा...बेबसी को अपना साथी ना बना कि बिंदास साँसे लेने

का दिन जल्द ही आए गा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...