Sunday 19 April 2020

सितारों से भरपूर है आज आसमाँ सारा..सितारा इन मे हमारा कोई भी नहीं..बैठे है शाम से इसी आंगन

मे,किसी इंतज़ार को साथ लिए...हर सितारे की अपनी एक कहानी है..कुछ रूमानी है तो कुछ परेशां

करने वाली है..अश्क बहाने का मन होता तो दास्तां इन की सुन लेते..हम ने चुपके से पुकारा चाँद को..

पुकार सुनते ही वो करीब हमारे आया...सिर्फ चाँद ही तो है जो कहां हमारा मान लेता है..हम जो रो दे

तो संग हमारे रो देता है..भरे है आज हम खुमारी मे,आंसू अपने आज छुपा दिए सितारों के भरे आंगन मे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...