Thursday 23 April 2020

''दुआ'' भोर की पहली किरण के साथ..आज के पन्नों पे पहला शब्द लिखा हम ने...इस यकीन के साथ

जो भी पढ़े यह दुआ सीधे उस के जीवन मे उतर जाए..दावा खुद के लिखने से जयदा उस परवरदिगार

की ताकत पे है...सिर्फ गुजारिश,पढ़ते पढ़ते इस ''दुआ'' शब्द को,दूजों के लिए भी मांगते जाइए...हम

भी ''दुआ'' मांगे,आप सब भी ''दुआ'' मांगे और बेहिसाब ज़िंदगियां इस दुःख-दर्द की काली छाया से

निजात पा जाए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...