अपनी गहरी काली आँखों की सच्चाई ख़त्म ना करना,कैसे समझाए तुझे कि इन्ही मे मेरा रब बसता है..
दुनियाँ यह हम को कभी भाई ही नहीं पर कान्हा मेरे,तेरे इन नैनो ने हमारे दिल और रूह को सच्चाई
अपनी कभी दिखाई थी..भरोसे की नींव नन्ही-नन्ही परछाइयों से कभी ख़त्म मत करना..कान्हा,दुनियाँ
मे ऐसी सच्ची आंखे हम कभी ना ढूंढ पाए है..आंखे बहुत देखी पर ऐसी पाक नमी ना देख पाए है..जो
गन्दी दुनियाँ मे हम को ग्रंथो की झलक दिखा दे..सिर्फ तेरी इन्ही आँखों से ही जान पाए है...
दुनियाँ यह हम को कभी भाई ही नहीं पर कान्हा मेरे,तेरे इन नैनो ने हमारे दिल और रूह को सच्चाई
अपनी कभी दिखाई थी..भरोसे की नींव नन्ही-नन्ही परछाइयों से कभी ख़त्म मत करना..कान्हा,दुनियाँ
मे ऐसी सच्ची आंखे हम कभी ना ढूंढ पाए है..आंखे बहुत देखी पर ऐसी पाक नमी ना देख पाए है..जो
गन्दी दुनियाँ मे हम को ग्रंथो की झलक दिखा दे..सिर्फ तेरी इन्ही आँखों से ही जान पाए है...