Friday 17 April 2020

छन छन इतनी जयदा क्यों कर रही मेरी पायल आज...आवाज़ का जादू महक रहा है चारों और क्यों

आज...आज़ाद कर रहे है इसे इस के बंधन से आज...कैद कर दे गे इसे बक्से मे आज...तन्हाई मे अक्सर

यह रुला देती है मुझे...जब तल्क़ होश मे आते है तो सुबह दिखा देती है खास...तू कभी-कभी मुझे बहुत

काम की लगती है पर जब तू सताती है तो मेरी नज़रो से उतर जाती है...संदेशा पिया का आता है तो तुझे

चूम लेते है ..मगर तन्हाई के मौसम मे जब भी तू खनकी तो बक्से मे बंद करे गे आज....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...