किस्मत को अपनी सहेली बना कर साथ लाई है तू ऐ ज़िंदगी...हिम्मत थी तो अकेले आती,क्यों साथ की
जरुरत तुझे पड़ गई ऐ ज़िंदगी..हम ने खुद को अकेले जीना सीखा है..तेरी तरह किसी के सहारे के साथ
नहीं चलते ऐ ज़िंदगी..डर कर जीना कब सीखा है..तुझे और तेरी सहेली को सबक देने के लिए,कैद कर
दिया अपनी ''सरगोशियां'' के पन्नों मे..तू बेशक इस दुनियाँ से हम को ले जाए,मगर तुम दोनों कैद रहो
गी ''सरगोशियां'' मे हमारी..हमारे जाने के बाद,हज़ारों नस्लें आए गी..''सरगोशियां'' को मिटा दे,इतना दम
तो तुम दोनों मे नहीं..तुझे संग किस्मत के जीतना है कैसे,यह भी हम जाने से पहले नस्लों को लिख
कर दे जाए गे....
जरुरत तुझे पड़ गई ऐ ज़िंदगी..हम ने खुद को अकेले जीना सीखा है..तेरी तरह किसी के सहारे के साथ
नहीं चलते ऐ ज़िंदगी..डर कर जीना कब सीखा है..तुझे और तेरी सहेली को सबक देने के लिए,कैद कर
दिया अपनी ''सरगोशियां'' के पन्नों मे..तू बेशक इस दुनियाँ से हम को ले जाए,मगर तुम दोनों कैद रहो
गी ''सरगोशियां'' मे हमारी..हमारे जाने के बाद,हज़ारों नस्लें आए गी..''सरगोशियां'' को मिटा दे,इतना दम
तो तुम दोनों मे नहीं..तुझे संग किस्मत के जीतना है कैसे,यह भी हम जाने से पहले नस्लों को लिख
कर दे जाए गे....