Saturday 25 April 2020

ज़िंदगी की हिफाज़त चाहिए तो बाहर ना जा...खुद को साफ़-सुथरा रख,मैला ना रह...मुस्कुरा दिए

इस लाजवाब कहानी पे...हिफाज़त और सफाई,क्या बात है...पर बात की सच्चाई तो यही है कि जब

मन-रूह पहले ही शुद्ध होते..धर्म-कर्म के महत्त्व को निभाया होता तो विपदाएं सोच कर आती..गर आती

तो रूहे-ताकत देख इंसान की, इतना ना टिक पाती..आदर्श तो कोई भी नहीं मगर जज्बातों की लो

बुझाई ना होती...अब तो सिर्फ हाथ जोड़ दुआ ही दुआ कर सकते है....भगवान् इतने कठोर भी तो नहीं...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...