टिक टिक यह घड़ी की है या दास्तां हमारे मासूम दिल की है...सुना रहे थे सुबह से इस को अपनी दास्तां..
वो पुरानी यादो के झरोखों से उड़ती हुई तेरे-मेरे प्यार की अजीब सी दास्तां...सुन कर इसे पायल मेरी
खनक गई,चूड़ियाँ उदास हो गई यह सोच कर कि मिलन की घड़ियो मे मैं क्यों तुम दोनों से दूर हो गई..
पायल बंधन मे बंधी थी इस कदर कि टूट के भी दोनों से दूर ना हो सकी..दास्तां की गवाह यह पायल
रही और चूड़ियों को सुना तेरी-मेरी दास्तां उस को शरमाने पे मजबूर कर गई...
वो पुरानी यादो के झरोखों से उड़ती हुई तेरे-मेरे प्यार की अजीब सी दास्तां...सुन कर इसे पायल मेरी
खनक गई,चूड़ियाँ उदास हो गई यह सोच कर कि मिलन की घड़ियो मे मैं क्यों तुम दोनों से दूर हो गई..
पायल बंधन मे बंधी थी इस कदर कि टूट के भी दोनों से दूर ना हो सकी..दास्तां की गवाह यह पायल
रही और चूड़ियों को सुना तेरी-मेरी दास्तां उस को शरमाने पे मजबूर कर गई...