तेरे साथ कैसे चलते,हम ने तेरी परछाई को साथ ले लिया...गौर करने की बात यह रही कि उस ने हम को
पहचान लिया..यह खुशनुमा शाम और तेरी ही परछाई हमारे साथ है...हज़ारो वो बाते जो तुझ से ना कर
सके,हम परछाई के साथ अपनी परछाई मिला कर कर ले गे..अब तेरी क्या जरुरत कि इस की तौहीन
भी हम क़बूल कर ले गे..गरूर ना कर अपने आप पे कि अब हम अंधेरो से डरते नहीं...और रौशनी मे
यह हमारा साथ छोड़ती नहीं....
पहचान लिया..यह खुशनुमा शाम और तेरी ही परछाई हमारे साथ है...हज़ारो वो बाते जो तुझ से ना कर
सके,हम परछाई के साथ अपनी परछाई मिला कर कर ले गे..अब तेरी क्या जरुरत कि इस की तौहीन
भी हम क़बूल कर ले गे..गरूर ना कर अपने आप पे कि अब हम अंधेरो से डरते नहीं...और रौशनी मे
यह हमारा साथ छोड़ती नहीं....