Friday 24 April 2020

तेरे साथ कैसे चलते,हम ने तेरी परछाई को साथ ले लिया...गौर करने की बात यह रही कि उस ने हम को

पहचान लिया..यह खुशनुमा शाम और तेरी ही परछाई हमारे साथ है...हज़ारो वो बाते जो तुझ से ना कर

सके,हम परछाई के साथ अपनी परछाई मिला कर कर ले गे..अब तेरी क्या जरुरत कि इस की तौहीन

भी हम क़बूल कर ले गे..गरूर ना कर अपने आप पे कि अब हम अंधेरो से डरते नहीं...और रौशनी मे

यह हमारा साथ छोड़ती नहीं....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...