तेरे दर से जो निकले,याद आया अपना सब कुछ तो तेरे पास छोड़ आए है.....ज़हाँ का सामना कैसे कर
पाए गे कि अपनी ज़िन्दगी तो तेरे पास गिरवी रख आए है....खुद ही खुद से बेखबर है,अपनी साँसों का
हिसाब तेरे खाते मे जोड़ आए है....तेज़ कदमो से कोशिश की जो चलने की,पायल की छन छन तो तेरी
चौखट पे रख के आए है...सोचते है अब क्या है जो पास है मेरे,यह जिस्म.ओ.जान अब पूरी तरह तेरे
हवाले करने फिर से चले आए है....
पाए गे कि अपनी ज़िन्दगी तो तेरे पास गिरवी रख आए है....खुद ही खुद से बेखबर है,अपनी साँसों का
हिसाब तेरे खाते मे जोड़ आए है....तेज़ कदमो से कोशिश की जो चलने की,पायल की छन छन तो तेरी
चौखट पे रख के आए है...सोचते है अब क्या है जो पास है मेरे,यह जिस्म.ओ.जान अब पूरी तरह तेरे
हवाले करने फिर से चले आए है....