Wednesday 10 June 2020

एक गीत हम ने लिखा..गीत के बोल हमारे दिल ने लिखे..उस गीत पे कब्ज़ा हमारी रूह ने किया...और

फिर वो गीत हम ने अपनी ही रूह को भेज दिया...गज़ब ना...जब रात भर जाग कर गीत सजाया इन

आँखों ने..भीगे पलकों के किनारे तो गीत रचाया हम ने...दिल धड़कता रहा एक एक पल और गीत के

बोलो को जीवन दिया हम ने..अब तो गीत सिर्फ गीत नहीं,हमारे दिल की वो धड़कन है..जो रहे गी ज़िंदा

सदियों तक..जब जब दुनियां मे आए गे,संग अपने यही गीत लाए गे...दिल-रूह के दरीचों मे इसी गीत

को अपनी पहचान बना जाये गे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...