Saturday, 13 June 2020

बेशक मिल जाए सितारे पूरे आसमां के हम को...कोई कहे भर ले दामन हीरे-जेवरात से अपना...सामने

हो दुनियाँ का हर सुख-आराम अपने...दौलत के ढेर ही ढेर हो आँखों के आगे...मगर फिर एक आवाज़

सुनाई दे उसी आसमां से...एक छोटा सा आशियाना हो,मुट्ठी भर दौलत हो और काम  के नाम पे हाथ

सिर्फ तेरे अपने हो..मगर तेरा मेहबूब ताउम्र तेरे संग-संग हो..उस के प्यार से तेरा दामन पूरा भरा हो..

हम हँसे तो इतना हँसे..परवरदिगार,बस इतनी सी शर्त..मेहबूब जब साथ है तो मुट्ठी भर दौलत की

क्या बात है...हाथ अपने है तो मेहनत से इंकार किस को है..तेरी दौलत,हीरे-जेवरात अब मेरे नहीं..

मेरे लिए तो मेरा मेहबूब ही मेरी दौलत और गहना है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...