Wednesday 24 June 2020

हर छोटी सी बात पे रो दे,ऐसे भी नहीं है हम...हर नन्ही ख़ुशी पे बेवजह खिलखिला दे,इतने दीवाने भी

नहीं...किसी ने दामन अपना हम से खींच लिया यू ही,खुदा कसम हम उस को जताते तक नहीं..ज़माने

ने बार-बार हम को अपमानित किया,हम ने उस की गलियों मे जाना ही छोड़ दिया...चीखे नहीं,बस यू ही

इत्मीनान से अपने आशियाने बस गए..ठोकरों से खेलना शौक है हमारा बचपन से,विदा करना खुद अपने

हाथो से सन्नाटों को..यह कला सीखी अपने आप से हम ने..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...