हर छोटी सी बात पे रो दे,ऐसे भी नहीं है हम...हर नन्ही ख़ुशी पे बेवजह खिलखिला दे,इतने दीवाने भी
नहीं...किसी ने दामन अपना हम से खींच लिया यू ही,खुदा कसम हम उस को जताते तक नहीं..ज़माने
ने बार-बार हम को अपमानित किया,हम ने उस की गलियों मे जाना ही छोड़ दिया...चीखे नहीं,बस यू ही
इत्मीनान से अपने आशियाने बस गए..ठोकरों से खेलना शौक है हमारा बचपन से,विदा करना खुद अपने
हाथो से सन्नाटों को..यह कला सीखी अपने आप से हम ने..
नहीं...किसी ने दामन अपना हम से खींच लिया यू ही,खुदा कसम हम उस को जताते तक नहीं..ज़माने
ने बार-बार हम को अपमानित किया,हम ने उस की गलियों मे जाना ही छोड़ दिया...चीखे नहीं,बस यू ही
इत्मीनान से अपने आशियाने बस गए..ठोकरों से खेलना शौक है हमारा बचपन से,विदा करना खुद अपने
हाथो से सन्नाटों को..यह कला सीखी अपने आप से हम ने..