निग़ाहों मे अचानक नमी का आ जाना...उदास होना पर खुद को ही ना बताना...सोचा था क्या और हुआ
क्या,बस इसी के एहसास से बिलख कर अश्रु का बहना...बहुत चाहा रोए गे बिलकुल भी नहीं..क्या हुआ
जो एहसास का जवाब एहसास नहीं आया..क्या हुआ जो ख़ुशी का मौका आज मिल नहीं पाया...जो
मिलता है तरसने के बाद वो खुदा की खास नियामत होती है...झोली हम ने फ़ैलाई तो क्या हुआ, उस
के दरबार मे सुनवाई कुछ वक़्त बाद हो जाए गी...उम्मीद का दामन थामे रखा है,आज नहीं तो कल
ख़ुशी लौट आए गी ........
क्या,बस इसी के एहसास से बिलख कर अश्रु का बहना...बहुत चाहा रोए गे बिलकुल भी नहीं..क्या हुआ
जो एहसास का जवाब एहसास नहीं आया..क्या हुआ जो ख़ुशी का मौका आज मिल नहीं पाया...जो
मिलता है तरसने के बाद वो खुदा की खास नियामत होती है...झोली हम ने फ़ैलाई तो क्या हुआ, उस
के दरबार मे सुनवाई कुछ वक़्त बाद हो जाए गी...उम्मीद का दामन थामे रखा है,आज नहीं तो कल
ख़ुशी लौट आए गी ........