कमजोर होना मेरी फितरत नहीं...बेबस हो कर उम्मीद छोड़ देना,यह कभी सीखा ही नहीं...तकलीफ़े
अक्सर हम को परखने आती है...कभी दिक्कत है सिक्कों की तो कभी रास्तो के बंद होने की परेशानी
है...यह नहीं सोचा कभी कि यह सब मेरे ही साथ क्यों...दुनियाँ भरी है करोड़ो इंसानो से, भरा है दामन
सभी का किसी ना किसी परेशानी से...सबर कर जरा थोड़ा सा और.....देख आगे सुख और खुशहाली
है...झूठ नहीं यह सब,तेरे-मेरे सबर का इम्तिहान है यह...भरोसा कर उस मालिक पे,मेरे कहने से नहीं..
खुद कर के देख जरा,रहमत उस की मिले तो मान लेना, उस के सिवाए इस जहाँ मे कोई और तेरा-मेरा
है ही नहीं...
अक्सर हम को परखने आती है...कभी दिक्कत है सिक्कों की तो कभी रास्तो के बंद होने की परेशानी
है...यह नहीं सोचा कभी कि यह सब मेरे ही साथ क्यों...दुनियाँ भरी है करोड़ो इंसानो से, भरा है दामन
सभी का किसी ना किसी परेशानी से...सबर कर जरा थोड़ा सा और.....देख आगे सुख और खुशहाली
है...झूठ नहीं यह सब,तेरे-मेरे सबर का इम्तिहान है यह...भरोसा कर उस मालिक पे,मेरे कहने से नहीं..
खुद कर के देख जरा,रहमत उस की मिले तो मान लेना, उस के सिवाए इस जहाँ मे कोई और तेरा-मेरा
है ही नहीं...