Saturday 27 June 2020

''सरगोशियां,इक प्रेम ग्रन्थ''.प्रेम के हज़ारो रूपों और ज़ज्बातो को अपने पन्नों पे सजाती,मेरी सरगोशियां रोज़ आप सभी के लिए कुछ नया लिखती रहे..कोशिश रहती है..गुजारिश सिर्फ इतनी,मेरे शब्द कभी किसी
व्यक्ति विशेष के लिए नहीं लिखे जाते...''सरगोशियां,इक प्रेम ग्रन्थ'' है,जो प्रेम को इबादत,पूजा और सादगी के लफ्ज़ो से सजाता है...इस ग्रन्थ को मान-सम्मान दीजिए...पवित्र-प्रेम के अर्थ को समझने की कोशिश कीजिए...खुद को एक श्रेष्ठ लेखिका साबित कर सकू,पूरी कोशिश रहे गी.......''शायरा''
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दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...