जी चाहता है,आज लिखते जाए..पन्नो पे पन्ने भर दे और मुहब्बत को आबाद कर जाए ..लिखे रात भर,
लिखे उम्र भर..लिखते-लिखते ही ''सरगोशियां'' मशहूर कर जाए...बहुत ज़िंदा-दिल है,मौत से डरते नहीं..
मगर इस को तो आना है एक दिन,इसलिए पन्नों पे लिखना छोड़ते नहीं...भाषा प्रेम की ऐसी भाषा है,
जो पत्थर को मोम कर देती है..मगर प्रेम मे मिलावट हो तो प्रेम को ज़हर तक बना देती है...मूक है प्रेम
की भाषा मगर सुनती है सब कुछ प्रेम की भाषा..प्रेम नाम है देने का,छीन कर इसे इस की तौहीन ना कर...
लिखे उम्र भर..लिखते-लिखते ही ''सरगोशियां'' मशहूर कर जाए...बहुत ज़िंदा-दिल है,मौत से डरते नहीं..
मगर इस को तो आना है एक दिन,इसलिए पन्नों पे लिखना छोड़ते नहीं...भाषा प्रेम की ऐसी भाषा है,
जो पत्थर को मोम कर देती है..मगर प्रेम मे मिलावट हो तो प्रेम को ज़हर तक बना देती है...मूक है प्रेम
की भाषा मगर सुनती है सब कुछ प्रेम की भाषा..प्रेम नाम है देने का,छीन कर इसे इस की तौहीन ना कर...