Saturday 27 June 2020

सन्नाटे को और गहरा करती यह रात...हर छोटी सी आवाज़ भी सुनाई दे रही है इस रात...इतनी चुप्पी

और काली गहरी रात..सकून से सोने के लिए चाहिए थोड़ी सी हलचल और मामूली सी बरसात...टप-टप

बरसे बूंदे और यह आंखे सो जाए आज की रात...ज़िंदगी गुजर रही धीमे-धीमे जैसे दूर कही से आ रही

किसी के चलने की मद्धम-मद्धम चाल..क्यों है आज ऐसी रात...बहुत सपने भरे है इन काजल भरी आँखों

मे आज..हर छोटी सी आवाज़ भी सुनाई दे रही आज की रात......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...