यह कौन सा अधिकार था,जिस ने उस को मेरे बेहद करीब ला दिया...वो एक फ़ुरसत की ही खूबसूरत
शाम थी,जिस ने उस को मेरा दीवाना बना दिया...दीवानगी का साथ हुआ इतना प्यारा कि सिलसिला इस
ज़िंदगी का और भी सुहाना हो गया...गुनगुनाता था वो मुझ को ऐसे,जैसे रात मे सवेरे का एहसास सा हो
गया...तुनकमिज़ाजी के किस्से मशहूर थे उस के,हम से क्या मिला वो तो खुदा का भी खास बंदा बन गया...
मासूमियत भरा चेहरा हुआ उस का और वो ज़न्नत का बादशाह बन गया...
शाम थी,जिस ने उस को मेरा दीवाना बना दिया...दीवानगी का साथ हुआ इतना प्यारा कि सिलसिला इस
ज़िंदगी का और भी सुहाना हो गया...गुनगुनाता था वो मुझ को ऐसे,जैसे रात मे सवेरे का एहसास सा हो
गया...तुनकमिज़ाजी के किस्से मशहूर थे उस के,हम से क्या मिला वो तो खुदा का भी खास बंदा बन गया...
मासूमियत भरा चेहरा हुआ उस का और वो ज़न्नत का बादशाह बन गया...