Monday 29 June 2020

यह कौन सा अधिकार था,जिस ने उस को मेरे बेहद करीब ला दिया...वो एक फ़ुरसत की ही खूबसूरत

शाम थी,जिस ने उस को मेरा दीवाना बना दिया...दीवानगी का साथ हुआ इतना प्यारा कि सिलसिला इस

ज़िंदगी का और भी सुहाना हो गया...गुनगुनाता था वो मुझ को ऐसे,जैसे रात मे सवेरे का एहसास सा हो

गया...तुनकमिज़ाजी के किस्से मशहूर थे उस के,हम से क्या मिला वो तो खुदा का भी खास बंदा बन गया...

मासूमियत भरा चेहरा हुआ उस का और वो ज़न्नत का बादशाह बन गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...