Friday 26 June 2020

वो खूबसूरत से अल्फ़ाज़ दिल मे उतर गए...शायद वो अल्फ़ाज़ नहीं,दिल के धड़कने की आवाज़ थी...

दिल जो पास ना हो कर भी,बहुत पास था..इतना पास कि जैसे कोई खूबसूरत सा खवाब...संभाल के

रख लिए वो बेशकीमती अल्फ़ाज़ जो हर पल याद दिलाए गे किसी के नज़दीक होने का एहसास..कौन

कहता है ज़िंदगी खूबसूरत नहीं होती...वो तब भी खूबसूरत होती है जब दर्द के दायरे मे घिरी होती है..

नज़रिया खुद का होता है,कही अल्फ़ाज़ होते है तो कही दर्द की बेला..हम ने दर्द की बेला मे उन

अल्फाज़ो को चुना और ज़िंदगी को फिर खूबसूरत नाम से सज़ा दिया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...